टेक कंपनियों और मीडिया हाउस के बीच विवाद चलते रहे है। भुगतान करने के लिए आईटी अधिनियम के कार्यान्वयन की दिशा में केंद्र सरकार काम कर रहा है अब उनको भी ईस नियम के तहत अपना हिस्सा देना पडेगा। भारत अब ईस दिशा में काम कर रहा है हालाकी ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी में लंबे समय से कानून लागू हैं

टेक कंपनियों और मीडिया हाउस के बीच रेवेन्यू को लेकर दुनिया भर में लंबे समय से विवाद चल रहा है। डिजिटल मीडिया और समाचार प्रकाशकों का कहना है कि GOOGLE और F.B जैसी कंपनियां अपनी सामग्री को स्रोत के रूप में उपयोग करती हैं। इससे कंपनियों को काफी मुनाफा होता है। लेकिन मीडिया हाउस को बदले में भुगतान नहीं किया जाता है। 
इस मामले में सरकार भी सक्रिय हो गई है। टेक कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार अब आईटी एक्ट लागू करने की दिशा में काम कर रही है ताकि मीडिया हाउस को उनके कंटेंट का इस्तेमाल करने के लिए चार्ज किया जा सके। ऐसा कानून ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और फ्रांस में पहले से ही मौजूद है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ईस से पहते बताया था की, सरकार भारत के मीडिया घरानों को बड़ी टेक कंपनियों से बचाने के लिए एक आईटी कानून पर काम कर रही है। यह कानून यह सुनिश्चित करेगा कि गूगल और फेसबूक जैसी तकनीकी कंपनियों के साथ व्यवहार करते समय भारतीय मीडिया को नुकसान न हो ईस बात को भी ध्यान में रखा जाएगा।

यदी कोई युजर्स सिधा गूगल में कुछ सर्च करता है तो पहले जो साईट खुलती है वो सीधा युजर्स को वेबसाईट मे ले जाती है जिससे गूगल को फायदा होता है और कंपनी अपना मुनाफा बढता है। टेक कंपनीया अपने मुनाफे मे बढौती कर रही है।