जीभ का रंग कैसा होना चाहिए हिन्दी में जानकारी । What should be the color of the tongue information in Hindi.

 दोस्तों आपने अक्सर देखा होगा कि जब भी आप डॉक्टर के पास जाते हैं , तो डॉक्टर हमारी जीभ जरूर देखते हैं , आप ये सोचते होंगे कि जीभ के रंग से बीमारियों का क्या सम्बन्ध है, लेकिन ऐसा नहीं है, डाॅक्टर आपकी जीभ का रंग देखते ही झटपट बता देते हैं कि आपको कौन- सी बीमारी के लक्षण हैं । 

आइये इस सम्पूर्ण जानकारी को पढ़कर समझते हैं कि वास्तव में स्वस्थ जीभ का रंग कैसा होना चाहिए। 

jeebh ka rang kaisa hona chahiye

Jeebh ka rang kaisa hona chahiye


 हमारी जीभ का पेट से क्या सम्बन्ध है । What is the relation of our tongue with the stomach?

जीभ हमारे शरीर का आंतरिक पेशीय अंग है, जो हमारे स्वास्थ्य से संबंधित है, इसका सम्बन्ध सीधा हमारे शरीर में होने वाली गतिविधियों से है, जीभ हमारे स्वास्थ्य में होने वाली कमी और पेट सम्बंधित विकारों के बारे में भी आगाह करती है, यह हमारे शरीर के सकारात्मक कार्य करने की क्रिया को भी दर्शाती है। 


जीभ का रंग और उस पर मौजूद परत इस बात का संकेत देती है कि आपको कौन सी बीमारी है?  

 बीमारी के समय जब आप दवाओं का सेवन करते हैं, कभी -कभी कुछ दवाएं कुछ समय के लिए आपकी जीभ का रंग भी बदल देती हैं, लेकिन ऐसा बहुत ही कम समय के लिए होता है।  जब भी आप अपनी जीभ को ब्रश और  tongue cleaner  से साफ करें तो आपको अपनी जीभ का रंग जरूर देखना चाहिए और अगर आपकी जीभ का रंग बदल गया है तो सतर्क हो जाएं । 

जीभ के प्रारम्भिक बदलाव ||Primary changes of tongue

जीभ का लाल होना एनीमिया का प्रारंभिक लक्षण है, शरीर में विटामिन बी12 की कमी के कारण भी जीभ में लालीपन  हो सकता है, कभी- कभी मुंह के अंदर या अन्य आंतरिक भाग में बैक्टीरिया बढ़ने से जीभ में चिपचिपापन और मुंह से दुर्गंध आने की समस्या हो सकती है।

अगर जीभ में पीले रंग की पतली परत जमीं हुई होती है और वह चिकनी होती है , तो इसका मतलब यही है कि मुंह में वैक्टीरिया की अधिकता है , इस कारण जीभ पर छाले भी हो सकते हैं, ज्यादा मसालेदार या मीठा खाने से भी छाले हो सकते हैं।

  दांतों से जीभ कट जाने पर भी छाले हो जाते हैं, लेकिन इन अल्सर( मुंह के छाले) को नजर अंदाज करना घातक हो सकता है।

 ये हार्मोन के असंतुलन के कारण भी हो सकते हैं।  जीभ पर सफेद चकत्ते का दिखना शरीर में संक्रमण या रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी का संकेत देता है।

 

 आइए जानते हैं कि जीभ के विभिन्न रंग किन-किन बीमारियों का संकेत करते हैं । 


 1:- पीली कोटिंग - जीवाणु संक्रमण, मादक पदार्थों का अत्यधिक सेवन। 

 खाना खाने के बाद हमारी जीभ पर कुछ समय के लिए पीली-सी पतली परत जम जाती है, तो यह एक आम बात है, लेकिन अगर आपके जीभ में पीले रंग की कोटिंग हमेशा रहती है, तो ऐसे में इसे अनदेखा न करें । 

पीली जीभ का प्रतीत होना हमेशा उन लोगो में ज्यादा दिखाई देता है, जो लोग नशा सम्बंधी नशीले पदार्थों का अत्यधिक सेवन करते हैं जैसे - सिगरेट, तम्बाकू, और अन्य नशीली सामग्रियां आदि । 

पीली जीभ के लक्षण को अनदेखा करने से कैंसर जैसी घातक बीमारियों के संकेत भी पनप सकते हैं जीभ का अत्यधिक हल्का पीला रंग हाइड्रेशन ज्वर फफोले या अत्यधिक धूम्रपान का भी संकेत हो सकता है।

 2:-   लाल चमकीले धब्बे - रक्त सम्बंधी रोग हैं। 

जीभ का रंग कैसा होना चाहिए
जीभ का रंग कैसा होना चाहिए

आप तो जानते ही है कि रेड जोन हो या रेड लाइट सभी ही खतरनाक होते हैं, ठीक उसी तरह अगर रेड कलर के धब्बे आपकी जीभ में हैं तो वो भी नुकसानदायक हैं। 

इसमें मुख्यतः शरीर में विटामिन, एवं पोषक तत्वों की कमी का होना पाया जाता है, हालांकि यह कोई जटिल समस्या नहीं है, इसे सही खानपान और संतुलित आहार द्वारा पुनः ठीक किया जा सकता है । 

जीभ का अत्यधिक गहरा लाल होना भी एनीमिया या खून की कमी का ही संकेत है एवं शरीर में विटामिन बी12 की कमी के कारण आपकी जीभ भी गहरी लाल हो सकती है।

 

 3: बैंगनी धब्बे जीभ -  फेफड़े और हृदय रोग।

यदि आपकी जीभ  बैंगनी रंग सी प्रतीत होती है, तो ये विकार आपको यह दर्शाने का प्रयास करता है कि आपके शरीर में रक्त का संचालन नित्य रूप से नहीं हो रहा पा रहा है और दिल सम्बंधी बीमारी होने की आशंका है । 

ऐसे में आपको तुरंत सचेत होने की जरूरत है, नियमित रूप से डाॅक्टरी सलाह व सही इलाज कराने पर पुनः स्वस्थ्य हुआ जा सकता है , लेकिन अगर समय रहते हुए ध्यान नही दिया गया तो शायद कावास्की रोग  नामक बीमारी के लक्षण उभरने लगते हैं ( यह रोग ज्यादातर बाल्यावस्था की उम्र वाले बच्चों में होता है , इसमें मुख्यतः त्वचा, मुंह, व ह्रदय सम्बंधी बीमारी होती है।) 

 4:-जीभ में सूजन - विटामिन और पोषण की कमी।

 जीभ की सूजन कई बीमारियों की ओर इशारा करती है।  इन रोगों में जीभ का कैंसर, अतिसक्रिय थायराइड सिंड्रोम, हार्मोन आदि शामिल हैं।

इसके अलावा एलर्जिक इंफेक्शन भी जीभ की सूजन का मुख्य कारण होता है। 

 5:- सफेद धब्बे -  पाचन संबंधी रोग। 

सफेद रंग वैसे तो शांति का प्रतीक व सुखदायी रंग माना जाता है लेकिन अगर यह रंग आपकी जीभ में प्रतीत हो रहा है तो आपको ज्यादा डरने की जरूरत नही है, दरअसल सफेद धब्बे आपकी जीभ में उभरने का प्रमुख कारण पेट में फंगल इंफेक्शन जैसी समस्याओं का पाया जाना है । 

कुछ दवाओं जैसे एंटी फंगल आदि के नियमित उपयोग से इस समस्या से निजात पाया जा सकता है । 
जीभ पर सफेद धब्बे उभरने पर एक सही समय पर इलाज होना चाहिए , नहीं तो यही समस्या आगे चलकर ल्यूकोप्लाकिया व अन्य कैंसर जैसी घातक बीमारियों को जन्म देंती है । 


इसके अन्य कारण यह भी हैं कि अगर जीभ पर हल्के लाल और हल्के सफेद रंग के छोटे-छोटे छाले और छोटे घाव हों तो यह पेट खराब होने का संकेत है और हमारी जीभ का सीधा संबंध हमारे पेट से भी होता है, इसलिए इस पाचन के अभाव में जीभ पर हल्के सफेद रंग के छाले पड़ जाते हैं।

 6:- लाइट गुलाबी - स्वस्थ जीभ। 

दोस्तों अगर आपकी जीभ का रंग हल्का गुलाबी है तो आपको बिल्कुल भी  परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि स्वस्थ जीभ का रंग हल्का गुलाबी ही होता है।


जीभ स्वाद का पता कैसे लगाती है । How does the tongue detect taste?


जब हम कोई खाद्य पदार्थ खाते हैं, तो पदार्थ के अणु सबसे पहले हमारी जीभ के सम्पर्क में आते हैं, जो जीभ की हल्की उभरी हुई दानेदार संरचना पैपिली को स्पर्श करते हैं , फिर इसका आगे का कार्य अतिसूक्ष्म स्वाद कलिकायें करतीं हैं, जो पैपिली में ही स्थित रहतीं हैं, ये पदार्थ के अणुओं को स्वादग्राही नलिकाओं के सम्पर्क में लातीं हैं , इसके बाद आगे स्वादग्राही कलिकायें इन अणुओं को रिसीव करके नसों द्वारा हमारे दिमाग को स्वाद को पहचानने का संकेत देतीं हैं , अतः इस प्रकार जीभ स्वाद का पता क्षेत्र लगा लेती है । 

आप निम्न छवि द्वारा भी जीभ स्वाद का पता कैसे लगाती है के बारे में समझ सकते हैं -



जीभ स्वाद का पता कैसे लगाती है

जीभ स्वाद का पता कैसे लगाती है 



दोस्तों जीभ हमारे मुख की आंतरिक संरचनात्मक ईकाई है, इसका ध्यान रखना हमारा महत्वपूर्ण कर्तव्य है, लेकिन शायद कुछ लोग इस पर विशेष ध्यान नहीं देते हैं । 
चलिये आज कुछ विशेष टिप्स जानने का प्रयास करते हैं जिनके द्वारा हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रख सकते हैं , ताकि हमारी जीभ में कोई भी विकार उत्पन्न न हो - 

  1. नियमित रूप से टूथब्रश से दांत साफ रखना चाहिए जिससे  दांत के वैक्टीरिया जीभ में एकत्र न हो पाये । 
  2. खाना खाने के बाद जीभ को तुरंत अच्छे से साफ करना चाहिए जिससे आहार की वसा जीभ पर चिपकी न रहे। 
  3. ब्रश करने के बाद से जीभ को अच्छें से साफ करें । 
  4. ज्यादा तैलीय युक्त भोजन करने से परहेज करें अन्यथा कोलेस्ट्रॉल का प्रभाव जीभ पर भी दिख सकता है । 
  5. धातु से बनी tongue cleaner से जीभ को कतई साफ न करें अन्यथा जीभ पर घाव हो सकता है । 
  6. Low  quality   की ब्रश का उपयोग न करें और तीन महीनों के अन्तराल में अपनी ब्रश को बदलते रहे अन्यथा ब्रश में सूक्ष्म वैक्टीरिया के एकत्र होने से जीभ को हानि हो सकती है । 

दोस्तों आशा करता हूँ कि इस सम्पूर्ण आर्टिकल में आपको जीभ एवं स्वस्थ्य जीभ का रंग कैसा होना चाहिए के बारे में पूरी जानकारी समझ में आयी हो फिर भी अगर आपको इस लेख में कोई त्रुटि समझ में आयीं है तो कृपया हमें कमेंट द्वारा जरूर बताये ं।